मप्र / सावरकर की किताबें बांटने के आरोप में निलंबित प्राचार्य को बहाल करने की मांग, छात्रों के साथ विधायक भी धरने पर बैठे

मलवासा हाइस्कूल के प्राचार्य के निलंबन काे वापस लेने की मांग को लेकर मंगलवार काे धरने पर बैठे छात्राें का अनशन बुधवार काे खत्म हाे गया। डीईओ केसी शर्मा ने धरने पर बैठे विद्यार्थियों और अभिभावकों को समझाया, जिसके बाद बुधवार से बच्चाें ने क्लास शुरू की। जिला पंचायत सीईओ संदीप केरकेट्टा ने बताया कि निलंबन का प्रस्ताव संभाग स्तर पर हुआ है। इससे पहले विद्यार्थियों ने प्री बोर्ड और प्री-वार्षिक परीक्षा का बहिष्कार किया और स्कूल परिसर में धरना दिया। बच्चाें के धरने में ग्रामीण विधायक दिलीप मकवाना भी शामिल हाे गए। सूचना पर डीईओ केसी शर्मा पहुंचे और बच्चों को समझाया, लेकिन नहीं माने। मलवासा में यह स्कूल पांच साल से दसवीं का 100 फीसदी परिणाम दे रहा है।


इससे पहले निलंबित प्राचार्य आरएन केरावत मंगलवार शाम कांग्रेस से जुड़े जिला पंचायत उपाध्यक्ष डीपी धाकड़ के चैंबर में पहुंचे। यहां मीडिया को अपनी निर्दोष होने की सफाई दी। इधर, सैलाना विधायक हर्ष विजय गहलोत ने कहा कि यह आरएसएस के एजेंडे पर काम कर रहे हैं, उन्हें बर्खास्त करें।


सावरकर वाला कवर निकलवाकर रजिस्टर बांटा
प्राचार्य ने बताया कि 4 नवंबर के दिन जब एनजीओ वाले स्कूल में रजिस्टर बांटने आए थे, तब मैं अपने कक्ष में कैश मेमो लिख रहा था। मैडम मेरे पास आई और बोलीं एनजीओ वाले रजिस्टर बांटना चाहते हैं तो मैंने कहा- बंटवा दो। मैं भी थोड़ी देर रुका। इसके बाद वे रजिस्टर बांटकर चले गए। बाद में देखा सावरकर का फोटो वाला कवर था। मैंने हाथों-हाथ कवर पेज निकलवा दिए। मैं जनहित में काम करता हूं और रोटरी, लायंस समेत अन्य क्लब मेरे पास स्टेशनरी बांटने आते हैं। एक शिक्षक को लेकर राजनीति नहीं होना चाहिए। मैं किसी के दबाव में बयान नहीं दे रहा हूं। जबकि 14 जनवरी उन्होंने पेज फाड़ने की बात नहीं कही थी।



निलंबन बहाल नहीं होगा
संभागायुक्त अजीत कुमार ने बताया कि प्राचार्य ने अनुशासनहीनता की है। राजनीति हो रही है इसकी जानकारी नहीं है। पढ़ाई प्रभावित ना हो इसके लिए डीईओ को निर्देश दिया है और बच्चों को समझाएं। अभी प्राचार्य निलंबित ही रहेंगे।



कोई दबाव नहीं है


कांग्रेस अध्यक्ष राजेश भरावा ने बताया प्राचार्य पर कांग्रेस का कोई दबाव नहीं है। जिला पंचायत में उन्हें किसने बुलाया और क्यों आए इसकी जानकारी नहीं है। केरावत एक अच्छे सर हैं लेकिन उनकी भी लापरवाही है। भाजपा इसमें राजनीति कर रही है।



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